सादर जय जिनेन्द्र!

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रात्रि भोजन त्याग

आयुर्वेद के अनुसार सूर्य के निकलने की दशा में पेट में पाचन तंत्र उसी प्रकार खुला रहता है जैसे सूर्य के उदय होते ही कमल का फूल खिल जाता है और सूर्य के अस्त होते ही वो पाचन तंत्र बंद हो जाता है। जिसकी कमी से खाने का पाचन ठीक नहीं हो सकता।

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विक्की पहाड़े जैन को भावभीनी श्रद्धांजलि

🇮🇳 भारत देश के सपूत मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के लाल, नोनिया-कर्बल निवासी जवान – कॉरपोरल विक्की पहाड़े जैन को भावभीनी श्रद्धांजलि 😔 🇮🇳 वायुसेना के काफ़िले पर आतंकी हमले में हुए शहीद❗ 🇮🇳 देश के वीर जवान विक्की पहाड़े जैन अपने पीछे पाँच साल का बेटा पत्नी समेत अपना हरा भरा परिवार को छोड़…

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देवदर्शन विधि

स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र (धोती-दुपट्टा अथवा कुर्ता-पायजामा) पहनकर तथा हाथ में धुली हुई अष्ट द्रव्य लेकर, नंगे पैर, नीचे देखकर, जीवों को बचाते हुए, प्रभुदर्शन की तीव्र भावना से मन्दिर जाएं| मन्दिर जी का शिखर दिखने पर नमस्कार करें| मन्दिर के द्वार पर शुद्ध छने जल से दोनों पैर धोने चाहिए|

मन्दिर के दरवाजे में प्रवेश करते ही ॐ जय जय जय, निस्सही निस्सही निस्सही,नमोऽस्तु नमोऽस्तु नमोऽस्तु बोलना चाहिए, फिर मन्दिर जी में लगे घंटे को बजाना चाहिए।

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छोटा सा मंदिर बनायेंगे

छोटा सा मंदिर बनायेंगे छोटा सा मंदिर बनायेंगे, वीर गुण आयेंगे। वीर गुण गायेंगे, महावीर गुण गायेंगें॥ कंधों पे लेके चांदी की पालकी, प्रभु जी का विहार करायेंगें ॥ हाथों में लेकर सोने के कलशा, प्रभुजी का न्हवन करायेंगे ॥ हाथों में लेकर द्रव्य की थाली, पूजन विधान रचायेंगे ॥ हाथों में लेकर ताल-मजीरा, प्रभुजी…

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आत्म कीर्तन

(सहजानन्द वर्णी) हूँ स्वतन्त्र निश्चल निष्काम, ज्ञाता द्रष्टा आतमराम। टेक। मैं वह हूँ जो है भगवान, जो मैं हूँ वह है भगवान। अन्तर यही ऊपरी जान, वे विराग यह राग-वितान॥ १॥ मम स्वरूप है सिद्ध समान, अमित शक्ति-सुख-ज्ञान-निधान। किन्तु आशवश खोया ज्ञान, बना भिखारी निपट अजान॥2 ॥ सुख-दुख-दाता कोई न आन, मोह-राग-रुष दुख की खान।…

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मोह जाल में फंसे हुए हैं, कर्मो ने आ घेरा…

मोह जाल में फँसे हुये हैं कर्मों ने आ घेरा, कैसे तिरेंगे भव-सागर से, तुम बिन कौन है मेरा। भूल हुई क्या हमसे भगवन क्या है दोष हमारा, लिखा विधाता ने किन घड़ियों ऐसा लेख हमारा।। लेख लिखा था शुभ घड़ियों में, शुभ घड़ियां हैं आई। आत्मज्ञान की ज्योति जगा दो भव से पार उतरता…

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पार्श्वनाथ स्तुति – तुमसे लागी लगन। ( जैन भजन )

तुम से लागी लगन,ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,मेटो मेटो जी संकट हमारा || निशदिन तुमको जपूँ,पर से नेह तजूँ, जीवन सारा,तेरे चरणों में बीत हमारा ||टेक|| अश्वसेन के राजदुलारे,वामा देवी के सुत प्राण प्यारे||सबसे नेह तोड़ा,जग से मुँह को मोड़ा,संयम धारा ||मेटो मेटो जी संकट हमारा || इंद्र और धरणेन्द्र भी आए,देवी पद्मावती मंगल…

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णमोकार मन्त्र | Namokar Mantra

णमोकार मन्त्र | Namokar Mantra णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्व साहूणं यह पंच नमस्कार मन्त्र, पंच परमेष्ठी मंत्र, अनदिमूलमंत्र, अनदिनिधनमंत्र आदि नामों से भी जाना जाता है। इसकी रचना किसी ने नहीं कि, अनादिकाल से चला आ रहा अनादिनिधन मंत्र है। इसे सर्वप्रथम आचार्य पुष्पदंत महाराज ने षट्खंडागम ग्रंथ…

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