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आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी की आरती
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी की आरती विद्यासागर की, गुणआगर की, शुभ मंगल दीप सजाय के।आज उतारूँ आरतिया…..॥1॥ मल्लप्पा श्री, श्रीमती के गर्भ विषैं गुरु आये।ग्राम सदलगा जन्म लिया है, सबजन मंगल गाये॥गुरु जी सब जन मंगल गाये,न रागी की, द्वेषी की, शुभ मंगल दीप सजाय के।आज उतारूँ आरतिया…..॥2॥ गुरुवर पाँच महाव्रत धारी, आतम ब्रह्म…

Acharya Shri Gyan Sagar Ji Maharaj | सराकोद्धारक श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज (छाणी)
आचार्य श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज – सराको के राम – JAIN DHARM | ALL ABOUT JAINISM | JAINDHARM.IN Acharya Shri Gyan Sagar Ji Maharaj | सराकोद्धारक श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज (छाणी) जिनका व्यक्तित्व हिमालय से ऊँचा है और सागर से भी गहरा है ऐसे विराट ह्रदय में समाने वाले आचार्य श्री 108…

आचार्य श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज – सराको के राम
आचार्य श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज – सराको के राम | GYAN-SAGAR-JI-MAHARAJ
आचार्य श्री विद्यासागर जी हाइकु
आचार्य श्री विद्यासागर जी द्वारा रचित जापानी छंद में हाइकु की व्याख्या हाइकु नंबर -68 मिट्टी को खोदोपानी को खोजो नहींपानी फूटेगा हे आत्मन् ! मूल में जल दो फिर फल की प्रतिक्षा करो। पहले मिट्टी को खोदो फिर फूटते पानी के स्रोत को देखो। पहले आत्मरुचि प्रकटाओ तत्त्व ज्ञान का झरना अवश्य प्रकट होगा।…

दिल्ली का अनोखा चैरिटी बर्ड्स अस्पताल: जैन धर्म की दया और सेवा का प्रतीक
दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित चैरिटी बर्ड्स अस्पताल एक अद्वितीय संस्था है जो पक्षियों की सेवा और उपचार के लिए समर्पित है। इस अस्पताल की शुरुआत 1929 में एक महान जैन संत की इच्छा के अनुसार हुई थी और तब से यह “जियो और जीने दो” के सिद्धांत पर चल रहा है, जिस पर…

दिल्ली जैन लाल मंदिर का इतिहास
दिल्ली जैन लाल मंदिर का इतिहासयह घटना अत्यंत प्राचीन एवं ध्यान से पढ़नें लायक है। जैनों ने इतिहास में स्वयं को और देश को अमर करने में कोई कसर नही छोड़ी। ये समय मुगल शासन का, सन 1656 की बात है जब भारत में शाहजहाँ का शासन हुआ करता था, उस समय किसी भी मंदिर…

राजकुमार श्रेयांस द्वारा दान तीर्थ की प्रवृत्ति: जैन धर्म का महत्वपूर्ण पहलू
भगवान ने निराहार रहकर प्रतिमयोग धारण कर छः माह तक तपस्या करने का जो नियम लिया था वह पूर्ण हुआ। निराहार रहने से न तो भगवान का शरीर कृश हुआ और न उनके तेज में ही अंतर पड़ा। वे चाहते तो बिना आहार के ही आगे भी तपस्या करते और इसका उनके शरीर पर भी…

अहो आश्चर्य: पर्वतीय तपस्या में अंतर्मना गुरुदेव की अद्वितीय साधना
Astonishing Devotion: The Extraordinary Mountain Journey of Antarmana Gurudev ❗❗ अहो आश्चर्य ❗❗❗❗ अहो अंतर्मना❗❗जैसा कि आप सभी को ज्ञात है कि अंतर्मना गुरुदेव 108 श्री प्रसन्न सागर जी महाराज ससंघ का विहार बद्रीनाथ अष्टापद धाम की और हो रहा है… ❗ अहो आश्चर्य…. माना जाता है कि भारत में बद्रीनाथ यात्रा चंद सर्वश्रेष्ठ पहाड़ियों…

Ahimsa in Jainism: Understanding Non-Violence Beyond Action
Jain philosophy of non-violence “Ahimsa Parmo Dharm” – Non-violence is the highest virtue.This well-known Jain sutra forms the cornerstone of Jain philosophy. A simplified Hindi version of this, “Jiyo aur jeene do” (Live and let live), further emphasizes the core message. However, even many Jains misunderstand the true essence of Ahimsa. Let us try to…

Jain Heritage and the Mahakumbh: A Historical Link
A letter written by Dr. Murli Manohar Joshi, addressing the historical connection between Jain Heritage and the Mahakumbh held in Prayagraj, is believed to have been created and released during his time as the Minister of Human Resource Development. डॉ मुरली मनोहर जोशी जी द्वारा लिखित एक पत्र, जिसमें जैन संस्कृति एवं महाकुंभ और प्रयागराज…

इस सदी का सबसे अद्वितीय पट्टाचार्य महोत्सव, आपके सौभाग्य को आमंत्रण दें रहा है…
इस सदी का सबसे अद्वितीय पट्टाचार्य महोत्सव आपके सौभाग्य को आमंत्रण दें रहा है ज़ब कोई विशेष तिथि का आगमन होता है, मन के समुन्दर में भावनाओं की लेहरें हिचकोले मारने लगती है, मंगल ध्वनि की गूंज से अखिल विश्व गुंजायमान होता है, देदीप्तीमान देवों के अदृश्य संसार में भी हर्ष की लहर दौड़ जाती…

गुरु उपकार दिवस | Guru Upkar Diwas 30 Jun | Vidhya Sagar Ji Deekhsa Jayanti
आज का दिन बड़ा ही पावन है. आज का ही वो दिन था जब हमारे दादा गुरु (आचार्य श्री 108 ज्ञान सागर जी) ने बालक विधाधर को मुनि विद्यासागर बनाकर इतिहास रच दिया था. यह बात है 30 जून 1968 की जब आचार्य श्री ज्ञान सागर जी अजमेर में विराजमान थे. उन्होंने कमेटी को बुलाया…