सादर जय जिनेन्द्र!

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admin

विक्की पहाड़े जैन को भावभीनी श्रद्धांजलि

🇮🇳 भारत देश के सपूत मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के लाल, नोनिया-कर्बल निवासी जवान – कॉरपोरल विक्की पहाड़े जैन को भावभीनी श्रद्धांजलि 😔 🇮🇳 वायुसेना के काफ़िले पर आतंकी हमले में हुए शहीद❗ 🇮🇳 देश के वीर जवान विक्की पहाड़े जैन अपने पीछे पाँच साल का बेटा पत्नी समेत अपना हरा भरा परिवार को छोड़…

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छोटा सा मंदिर बनायेंगे

छोटा सा मंदिर बनायेंगे छोटा सा मंदिर बनायेंगे, वीर गुण आयेंगे। वीर गुण गायेंगे, महावीर गुण गायेंगें॥ कंधों पे लेके चांदी की पालकी, प्रभु जी का विहार करायेंगें ॥ हाथों में लेकर सोने के कलशा, प्रभुजी का न्हवन करायेंगे ॥ हाथों में लेकर द्रव्य की थाली, पूजन विधान रचायेंगे ॥ हाथों में लेकर ताल-मजीरा, प्रभुजी…

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आया कहां से, कहां है जाना

आया कहां से, कहां है जाना, ढूंढ ले ठिकाना चेतन ढूंढ ले ठिकाना । इक दिन चेतन गोरा तन यह, मिट्टी में मिल जाएगा । कुटुम्ब कबीला पडा रहेगा, कोई बचा ना पायेगा । नहीं चलेगा कोई बहाना…॥ ढूंढ ले ठिकाना…।१। बाहर सुख को खोज रहा है, बनता क्यों दीवाना रे । आतम ही सुख खान है प्यारे, इसको भूल…

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DEEKSHA KE PAL - GYAN SAGAR JI

Acharya Shri Gyan Sagar Ji Maharaj | सराकोद्धारक श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज (छाणी)

आचार्य श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज – सराको के राम – JAIN DHARM | ALL ABOUT JAINISM | JAINDHARM.IN Acharya Shri Gyan Sagar Ji Maharaj | सराकोद्धारक श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज (छाणी) जिनका व्यक्तित्व हिमालय से ऊँचा है और सागर से भी गहरा है ऐसे विराट ह्रदय में समाने वाले आचार्य श्री 108…

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JAIN SYMBOL | JAINDHARM.IN

जैनधर्म की मौलिक विशेषताएँ

अपनी इन्द्रियों, कषायों और कर्मो को जीतने वाले जिन कहलाते हैं| जिन के उपासक को जैन कहते हैं। जिन के द्वारा कहा गया धर्म जैनधर्म है। जिसके द्वारा यह संसारी आत्मा-परमात्मा बन जाता है, वह धर्म है। अर्थात् सम्यकदर्शन, सम्यकज्ञान और सम्यकचारित्र को धर्म कहा है, क्योंकि रत्नत्रय के माध्यम से ही यह आत्मा- परमात्मा बनती है।

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देवदर्शन विधि

स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र (धोती-दुपट्टा अथवा कुर्ता-पायजामा) पहनकर तथा हाथ में धुली हुई अष्ट द्रव्य लेकर, नंगे पैर, नीचे देखकर, जीवों को बचाते हुए, प्रभुदर्शन की तीव्र भावना से मन्दिर जाएं| मन्दिर जी का शिखर दिखने पर नमस्कार करें| मन्दिर के द्वार पर शुद्ध छने जल से दोनों पैर धोने चाहिए|

मन्दिर के दरवाजे में प्रवेश करते ही ॐ जय जय जय, निस्सही निस्सही निस्सही,नमोऽस्तु नमोऽस्तु नमोऽस्तु बोलना चाहिए, फिर मन्दिर जी में लगे घंटे को बजाना चाहिए।

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णमोकार मन्त्र | Namokar Mantra

णमोकार मन्त्र | Namokar Mantra णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्व साहूणं यह पंच नमस्कार मन्त्र, पंच परमेष्ठी मंत्र, अनदिमूलमंत्र, अनदिनिधनमंत्र आदि नामों से भी जाना जाता है। इसकी रचना किसी ने नहीं कि, अनादिकाल से चला आ रहा अनादिनिधन मंत्र है। इसे सर्वप्रथम आचार्य पुष्पदंत महाराज ने षट्खंडागम ग्रंथ…

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रात्रि भोजन त्याग

आयुर्वेद के अनुसार सूर्य के निकलने की दशा में पेट में पाचन तंत्र उसी प्रकार खुला रहता है जैसे सूर्य के उदय होते ही कमल का फूल खिल जाता है और सूर्य के अस्त होते ही वो पाचन तंत्र बंद हो जाता है। जिसकी कमी से खाने का पाचन ठीक नहीं हो सकता।

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President Invitation to Jain Muni Prgya sagar ji

महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने दिगम्बर जैनमुनि,राष्ट्रसंत परंपराचार्यश्री 108 प्रज्ञसागर जी महाराज को राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया।

जैन समाज में यह बहुत बड़ी ख़ुशी की बात है कि महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने दिगम्बर जैनमुनि,राष्ट्रसंत परंपराचार्यश्री 108 प्रज्ञसागर जी महाराज को राष्ट्रपति भवन मेंआमंत्रण दिया और धार्मिक,आध्यात्मिक एवं सामाजिक विषयों पर चर्चाऐं की।श्री प्रज्ञसागर जी ने जैन धर्म में भगवान महावीर स्वामी के मूलभूत सिद्धान्तों पर प्रकाश डाला। साथ ही…

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