सादर जय जिनेन्द्र!

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SHRI CHANDA PRABHU CHALISA (DEHRA TIJARA) / श्री चन्द्र प्रभु चालीसा (देहरा तिजारा)

SHRI CHANDA PRABHU CHALISA (DEHRA TIJARA) / श्री चन्द्र प्रभु चालीसा (देहरा तिजारा) वीतराग सर्वज्ञ जिन, जिनवाणी को ध्याय |लिखने का साहस करूँ, चालीसा सिर-नाय ||१|| देहरे के श्री चंद्र को, पूजौं मन-वच-काय ||ऋद्धि-सिद्धि मंगल करें, विघ्न दूर हो जाय ||२|| जय श्री चंद्र दया के सागर, देहरेवाले ज्ञान-उजागर ||३||शांति-छवि मूरति अति-प्यारी, भेष-दिगम्बर धारा भारी…

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SHRI PARSHVANATH CHALISA (BARAGAON) / श्री पार्श्वनाथ चालीसा (बड़ागाँव)

बड़ागाँव अतिशय बड़ा, बनते बिगड़े काज ।
तीन लोक तीरथ नमहुँ, पार्श्व प्रभु महाराज ।।१।।

आदि-चन्द्र-विमलेश-नमि, पारस-वीरा ध्याय ।
स्याद्वाद जिन-धर्म नमि, सुमति गुरु शिरनाय ।।२।।

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SHRI MAHAVIR CHALISA CHANDANPUR / श्री महावीर चालीसा (चाँदनपुर)

जय महावीर दयालु स्वामी, वीर प्रभु तुम जग में नामी ।।३।।

वर्धमान है नाम तुम्हारा, लगे हृदय को प्यारा प्यारा ।।४।।

शांति छवि और मोहनी मूरत, शांत हँसीली सोहनी सूरत ।।५।।

तुमने वेष दिगम्बर धरा, कर्म शत्रु भी तुम से हारा ।।६।।

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श्री पार्श्वनाथ चालीसा | Parshvanath Chalisa

शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन करूँ प्रणाम।
उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम।।
सर्व साधु और सरस्वती, जिन मंदिर सुखकार।
अहिच्छत्र और पार्श्व को, मन मंदिर में धार।।

पारसनाथ जगत हितकारी, हो स्वामी तुम व्रत के धारी।
सुर नर असुर करें तुम सेवा, तुम ही सब देवन के देवा।।

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