SHRI PARSHVANATH CHALISA (BARAGAON) / श्री पार्श्वनाथ चालीसा (बड़ागाँव)
बड़ागाँव अतिशय बड़ा, बनते बिगड़े काज ।
तीन लोक तीरथ नमहुँ, पार्श्व प्रभु महाराज ।।१।।
आदि-चन्द्र-विमलेश-नमि, पारस-वीरा ध्याय ।
स्याद्वाद जिन-धर्म नमि, सुमति गुरु शिरनाय ।।२।।
बड़ागाँव अतिशय बड़ा, बनते बिगड़े काज ।
तीन लोक तीरथ नमहुँ, पार्श्व प्रभु महाराज ।।१।।
आदि-चन्द्र-विमलेश-नमि, पारस-वीरा ध्याय ।
स्याद्वाद जिन-धर्म नमि, सुमति गुरु शिरनाय ।।२।।
शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन करूँ प्रणाम।
उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम।।
सर्व साधु और सरस्वती, जिन मंदिर सुखकार।
अहिच्छत्र और पार्श्व को, मन मंदिर में धार।।
पारसनाथ जगत हितकारी, हो स्वामी तुम व्रत के धारी।
सुर नर असुर करें तुम सेवा, तुम ही सब देवन के देवा।।