Astonishing Devotion: The Extraordinary Mountain Journey of Antarmana Gurudev
❗❗ अहो आश्चर्य ❗❗
❗❗ अहो अंतर्मना❗❗
जैसा कि आप सभी को ज्ञात है कि अंतर्मना गुरुदेव 108 श्री प्रसन्न सागर जी महाराज ससंघ का विहार बद्रीनाथ अष्टापद धाम की और हो रहा है…
❗ अहो आश्चर्य….
माना जाता है कि भारत में बद्रीनाथ यात्रा चंद सर्वश्रेष्ठ पहाड़ियों में से एक.. जहां कार, ट्रक, यहां तक कि हेलीकॉप्टर भी चढ़ने में दम भरने लगता है.. जब की वो सब तेल (ईंधन) से चलते है..
लेकिन अंतर्मना गुरुदेव अपने दम पर चलते हैं
❗ अहो आश्चर्य….
ऐसी विशाल ऊंची पहाड़ियों पर अंतर्मना गुरुदेव एवं संघ रोज 20 से 25 किलोमीटर हंसते हुए पैदल यात्रा कर रहे है. यात्रा होती भी है तो सीधे रास्तों से
पर अंतर्मना गुरुदेव कठिन रास्तों से, पगडंडियों से, पथरीली जमीन पर संकरे रास्तों से अपने संघ और अपने भक्तो के साथ यात्रा को पूरा कर रहे हैं.
❗ अहो आश्चर्य….
पूरे संघ के साधु दिन में एक बार ही आहार ग्रहण करते है..
पर तपस्या के शिरोमणि अंतर्मना गुरुदेव सिर्फ एक आहार एक उपवास कर रहे है (दो दिन मैं एक बार आहार) फिर भी इस ऊर्जा के साथ सारी पहाड़िया, सारे पर्वत, सारी नदियो को पार करते हुए, हंसते हंसते पैदल चल रहे हैं.
❗ अहो आश्चर्य….
इन सब के बीच अगर अष्टमी या चतुर्दशी आ गई तो गुरुदेव के 2 उपवास भी हो रहे है..
❗ अहो आश्चर्य….
इन सब के बावजूद भी गुरुदेव की रोज दोपहर की सामयिक ??♂ कड़ी धूप ? में बैठ कर निरंतर चल रही है.
❗ अहो आश्चर्य….
ऐसे ? पहाड़ी मौसम से ?⛈ अनभिज्ञ हालत में भी गुरुदेव सुबह की चार बजे से शाम की भक्ति तक सारी चर्या मै कोई समझौता नहीं है.
❗ अहो आश्चर्य….
ऐसे कई आश्चर्य बातों का जीता जागता उदाहरण है..सिर्फ और सिर्फ एक….. है..
साधना महोदधी अंतर्मना आचार्य गुरुदेव श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज जो आज इस धरती पर जैन धर्म के किसी साधु के बस का नहीं..इतने आश्चर्यों से भरे हुए सागर को नित नित नमन वंदन करते है. ये हमारा सौभाग्य है कि हम इस जन्म में पैदा हुए और इनके दर्शन कर रहे है..
इसलिए शुरू से कह रहे है।।
❗❗ अहो आश्चर्य ❗❗
? तपस्या के शिरोमणि अंतर्मना गुरुदेव आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज… यानी आज के इस युग के साधना के गोमटेश्वर ?
✨ ऊॅ हूं कल्पतरू प्रसन्न सागराय नमः✨
? ANTARMANA VAANI ?
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