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राजकुमार श्रेयांस द्वारा दान तीर्थ की प्रवृत्ति: जैन धर्म का महत्वपूर्ण पहलू

राजकुमार श्रेयांस द्वारा दान तीर्थ की प्रवृत्ति: जैन धर्म का महत्वपूर्ण पहलू

भगवान ने निराहार रहकर प्रतिमयोग धारण कर छः माह तक तपस्या करने का जो नियम लिया था वह पूर्ण हुआ। निराहार रहने से न तो भगवान का शरीर कृश हुआ और न उनके तेज में ही अंतर पड़ा। वे चाहते तो बिना आहार के ही आगे भी तपस्या करते और इसका उनके शरीर पर भी…

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अहो आश्चर्य: पर्वतीय तपस्या में अंतर्मना गुरुदेव की अद्वितीय साधना

अहो आश्चर्य: पर्वतीय तपस्या में अंतर्मना गुरुदेव की अद्वितीय साधना

Astonishing Devotion: The Extraordinary Mountain Journey of Antarmana Gurudev ❗❗ अहो आश्चर्य ❗❗❗❗ अहो अंतर्मना❗❗जैसा कि आप सभी को ज्ञात है कि अंतर्मना गुरुदेव 108 श्री प्रसन्न सागर जी महाराज ससंघ का विहार बद्रीनाथ अष्टापद धाम की और हो रहा है… ❗ अहो आश्चर्य…. माना जाता है कि भारत में बद्रीनाथ यात्रा चंद सर्वश्रेष्ठ पहाड़ियों…

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Jain Heritage and the Mahakumbh: A Historical Link

Jain Heritage and the Mahakumbh: A Historical Link

A letter written by Dr. Murli Manohar Joshi, addressing the historical connection between Jain Heritage and the Mahakumbh held in Prayagraj, is believed to have been created and released during his time as the Minister of Human Resource Development. डॉ मुरली मनोहर जोशी जी द्वारा लिखित एक पत्र, जिसमें जैन संस्कृति एवं महाकुंभ और प्रयागराज…

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इस सदी का सबसे अद्वितीय पट्टाचार्य महोत्सव, आपके सौभाग्य को आमंत्रण दें रहा है…

इस सदी का सबसे अद्वितीय पट्टाचार्य महोत्सव, आपके सौभाग्य को आमंत्रण दें रहा है…

इस सदी का सबसे अद्वितीय पट्टाचार्य महोत्सव आपके सौभाग्य को आमंत्रण दें रहा है ज़ब कोई विशेष तिथि का आगमन होता है, मन के समुन्दर में भावनाओं की लेहरें हिचकोले मारने लगती है, मंगल ध्वनि की गूंज से अखिल विश्व गुंजायमान होता है, देदीप्तीमान देवों के अदृश्य संसार में भी हर्ष की लहर दौड़ जाती…

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