🙏देव दर्शन का महत्व 🙏
➡️ जिनेन्द्र भगवान् के दर्शन करने के विचार मात्र से दो उपवास का फल मिलता है।
➡️ मंदिर जाने के लिए अभिलाषा करने से तीन उपवास का फल मिलता है।
➡️ मंदिर जाने का आरंभ करने से चार उपवास का फल मिलता है।
➡️ मंदिर जाने लगता है उसे पांच उपवास का फल मिलता है।
➡️ कुछ दूर पहुंचने पर बारह उपवास फल मिलता है।
➡️ बीच में पहुंचने पर पंद्रह उपवास का फल मिलता है।
➡️ मंदिर का दर्शन होने से मात्र एक माह के उपवास का फल मिलता है।
➡️ मंदिर के प्रांगण में प्रवेश करने से छः माह के उपवास का फल मिलता है।
➡️ मंदिर के द्वार में प्रवेश करने से एक वर्ष के उपवास का फल मिलता है।
➡️ भगवान की प्रदक्षिणा देने पर सौ वर्ष के उपवास का फल मिलता है।
➡️ जिनेन्द्र भगवान् के दर्शन करने से हजार वर्ष के उपवास का फल मिलता है।
➡️ जिनेन्द्र भगवान् की स्तुति, पूजन करने से अनंत वर्ष उपवास का फल मिलता है।
➡️ यथार्थ में जिनभक्ति से बढ़कर उत्तम पुण्य अन्य नहीं है।
एकापि समर्थेयं, जिन भक्ति र्दुगति निवारयितुम्
पुण्यानि च पूरयि तुं दातुं मुक्तिश्रियं कृतिन:
जिनेन्द्र भक्ति सार में एक अमोघ शक्ति मानी गई है जो कि दुर्गति के निवारण में समर्थ है, पुण्य का बंध कराने वाली है एवं मुक्ति लक्ष्मी की प्राप्ति कराने वाली है।
🙏📚🙏📚🙏📚🙏📚
देव दर्शन का महत्व | Importance of Dev Darshan